क़ीमत!
क़ीमत!
दो पल की जिंदगी है
इसमे क्यों है अंशु बहाना,
ज़रा मुस्कुराओ तो सही
इसमे क्यों है रोना-धोना।
तुम्हें आज जो मिला है
वो तो सबके नसीब में नही,
आज तो जी भर के जी लो
कल क्या होगा कोई पता नही।
हर पल तेरे लिये कीमती है
इसको तुम गांठ बांध लेना,
वक़्त चला जायेगा खाली
बाद में तो होगा ही पछताना।
देखो उन पंंछियों को ज़रा
बिन बोए बिन कामाए भी खुश है,
एक तुम हो जो होते हुए भी
पल-पल परेशान हो दिल दुख है।