पता ही न चला
पता ही न चला
उंगली पकड़कर चलना सिखाते-सिखाते,
कब तुमने मुझे टेक्नोलॉजी के
पंखों से चलना सिखा दिया,
पता ही ना चला।
तुम्हें बोलना सिखाते-सिखाते,
कब तुमने मुझे मोबाइल पर
बातें करना सिखा दिया,
पता ही न चला।
तुम्हें कविता बोलना सिखाते-सिखाते,
कब तुमने मुझे कविता
कहना सिखा दिया,
पता ही न चला।
तुम्हें लिखना सिखाते-सिखाते
कब तुमने मुझे कहानी
लिखना सिखा दिया,
पता ही ना चला।
तुम्हें एक्टिवा चलाना सिखाते -सिखाते,
कब तुमने मुझे फेसबुक,
ट्विटर चलाना सिखा दिया,
पता ही ना चला।
तुम्हें दूसरों का सम्मान करना सिखाते-सिखाते,
कब तुमने मुझे सम्मान के साथ
जीना सिखा दिया,
पता ही न चला।
तुम्हें बेटी बनना सिखाते-सिखाते,
कब तुमने मुझे सहेली
बनाना सिखा दिया,
पता ही न चला।
