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anamika khanna

Inspirational

4.1  

anamika khanna

Inspirational

पर्यावरण

पर्यावरण

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धरती माँ की है मांग

मत कुल्हाड़ी मारो अब,

रहने दो इस प्रकृति को

मेरी गोद उजारो मत,


खुशहाली को आने दो,

बुरी नजर अब डालो ना,

माँ से खिलवाड़ करें मूर्ख मानव,


जिस डाली पर बैठा है,

उसी डाली को काट रहा तू,

जिसने जीवन दिया वह प्रकृति,

बदले में तूने काट दिया,

उस दौर की खातिर,

बंजर किया उस माता को,


मूर्ख मानव मिला तुझे क्या,

प्रदूषित वातावरण भूख और महंगाई,

अब भी वक्त है संभल जा,

पेड़ लगाकर माँ की गोद में,

फिर हरियाली को आने दे,

माँ को फिर हरा भरा हो जाने दे।


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