परवरिश
परवरिश
परवरिश हो सम्मान देने की
भावनाओं को सहलाने की।
परवरिश हो ईमानदारी सिखाने की
माँ बाप को माँ बाप मानने की।
परवरिश हो रीढ़ की हड्डी बनाने की
खुद का व्यक्तित्व सँवारने की।
परवरिश हो अपनों को अपना मानने की
तिरस्कार को तिरस्कृत रखने की।
हो जब इतने सारे जायके एक ही जीवन में,
क्यों कर बुढ़ापा सुखकर ना हो।।