पर्व
पर्व
पर्वों से होती संस्कृतियों की पहचान,
पर्व हैं भारत की शान,
इन्हीं से मिलती भारत को अनेकता में एकता वाली अनमोल पहचान।
एक ही पर्व के अलग अलग हैं नाम,
अलग अलग हैं विधि विधान,
कुछ तो होते अपने राज्य की पहचान।
जिनको दिया जाता उस राज्य में अनोखा मान,
उनके दौरान सारे राज्य में अलग ही छटा होती विद्यमान।
एक गली में दो पड़ोसी,
एक का मूल गुजरात,
तो दूसरे का बंगाल,
नवरात्रि के आते ही,
एक के आंगन में होती गरबों की धूम,
तो दूसरे के आंगन से आती धुनुची नृत्य की धून,
जबकि दोनों ही करते देवी दुर्गा का महिमा गान,
ऐसे ही तो पर्व कराते संस्कृतियों की पहचान।