प्रणव दादा को समर्पित
प्रणव दादा को समर्पित
वीर भूमि की आंखें रही निहार
प्रणव जन्म की बेला का जीवन
सत्कार ।।
साहस शक्ति सोच दृष्टि का
पुरुषार्थ भारत रत्न प्रणव का अविरल
निर्मल निश्चल प्रवाह।।
याद किया जाएगा जब जब
भारत का इतिहास प्रणव
शौम्य शीतलता का काल
समय देगा पुकार।।
बेटा भारत के स्वाभिमान
संस्कृति संस्कार का निडर
निर्भीक काल अभिमान।।
झुकना टूट जाना नियति
नही राष्ट्र हितैषी व्यक्तित्व
महान।।
निरपेक्ष निर्भीक सच्चा
नैतिक मर्यादओ का पुरुषार्थ
पुरुष पराक्रम की परिभाषा
काल समय की आशा विश्वास।।
बेटा हिन्द का आवनी
अम्बर का शौर्य सूर्य
काल कपाल की अमिट
छाप।।
बीर भूमि के बालक बीर
बंगाल की त्याग तपस्या
राष्ट्र प्रेम धर्म के भारत के
प्रखर प्रताप नमन प्रणाम।।