प्रकृति का आभार
प्रकृति का आभार
धरती की रक्षा के खातिर, चलो आज कुछ करते हैं।
पर्यावरण की सुरक्षा खातिर, चलो आज कुछ करते हैं।।
पालीथीन और शीतलक गैसों को त्याग कर के हम।
मिलकर इस परीक्षा खातिर, चलो आज कुछ करते हैं।।
पेड़ लगा के धरती का,चलो आज श्रृंगार करें।
इसके बिना नही जीवन है, बात ये स्वीकार करें।।
प्राण वायु का सृजन करते है पेड़ और पौधे।
आओ हम सब मिलकर के, इनका आभार करें।।
