प्रेम
प्रेम
कृष्ण के प्रेम बाँसुरी सुन भाई आई वो प्रेम दीवानी राधा।
जब-जब मुरलीधर मुरलियाँ बजायें दौडी आई राधा रानी।
कृष्ण ने पूछा राधा से मेरे पीछे कैसे चली आती हो राधा।
राधिका बोली बाँसुरी मधुर धुन थारी सुन दौडी राधा रानी।
राधा हुई कान्हा की बावरी मधुर धुन सुन दौडी आई राधा।
नैनन से नैन लड़ाये रास भी कृष्ण रचायें पीछे राधा रानी।
सुमिरन कृष्ण की बाँसुरी का ये मधुर निराला होता राधा।
कान्हा की मुरली राधा को पुकारे दौडी आये राधा रानी।