प्रेम की चाबियां
प्रेम की चाबियां


प्रेम से परिवार बनता हैं
ताले से चाबियां बनती हैं
इन्सानों से प्रेम बनता हैं
चाबियों से keychain बनती हैं
चाबियों की keychain तुटती हैं
तो चाबियां बीखरती हैं
रिश्ते, नाते तुटते हैं
तो परिवार बिखर जाता हैं
दिवारों से मकान बनता हैं
प्रेम से परिवार बढ़ता हैं
प्यार जताने में सारी
उमर लग जाती हैं
प्यार तोड़ने एक क्षण ही
काफी होता हैं
सुख दुख में परिवार
इकट्ठा होता हैं
जैसे ताला चाबी से
खुलता हैं
वैसे प्रेम परिवार से
मिलता हैं