STORYMIRROR

Sureka Suryavanshi

Inspirational Others

3  

Sureka Suryavanshi

Inspirational Others

प्रेम ही सृष्टि का श्रृंगार है

प्रेम ही सृष्टि का श्रृंगार है

1 min
176


सृष्टि का सृजन जीवन है, और जीवन का रस प्रेम है।।

जहां जीवन की सरलता वही का प्रेम का वास है।

प्रेम ही दो जीवन का संगम है।

प्रेम से ही जीवन का अर्थ है।

जीवन को प्रेम का स्पर्श नहीं तो जीवन एक रेगिस्तान है।।

प्रेम मधु मीठा है।

प्रेम ही अमृत प्याला है।

प्रेम का संघर्ष गुलाब फूल और कांटा है।

प्रेम ही सृष्टि का श्रृंगार है,

प्रेम ही दो जहान का मिलन है.

जिसने प्रेम पा लिया वही जीवन में आज अजर अमर है।।

बंधन से मुक्ति पाने का ही नाम प्रेम है।

सृष्टि का सृजन जीवन है, और जीवन का नाम ही प्रेम है।।

जहां जीवन की सरलता वही का प्रेम का वास है

मैं राधा तू श्याम यही प्रेम का अंतिम भाव है ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational