मेरा पिता मेरा हीरो
मेरा पिता मेरा हीरो
पिता पिता होता है पिता एक आशियाना होता है.
आंधी तूफान में दीवार बनकर डटकर रक्षा करने वाला वह पिता पिता होता है.
सर पर आसमान फट जाए,या बारिश का कहर छा जाए,अपनों के लिए जो खुद छत बन जाए वह पिता पिता होता है.
घर की खिड़कियोंसा ठंडी हवा का झरोखा पिता होता है.
भले जिंदगीके सपनों की चौखट बन जाए सुरक्षा का द्वार पिता होता है.
खुद गम के लहरों में डूब कर भी घर को गम के लहरों से बचाने वाला पिता पिता होता है.
अपने ख्वाबों को मरोड़ कर ,अपनों के ख्वाबों में खुशियां मनाने वाला पिता पिता होता है.
जिनके लिए घर बनाया वही छन्नी हथौड़ी से दीवारों पर कील गाढते गए,
क्या कहूं उस पिता की बात जो जिंदगी के अपनों के घाव से छलनी होता रहा,और उफ तक नहीं कह सका.
जो रियल लाइफ हीरो था वह मेरा पिता था.
बचपन में पाटी पर कलम से श्री गणेशाय गिरने वाला कोई नहीं था वह मेरा पिता था.
देशभक्ति की गरिमा गिरवाने वाला कोई और नहीं वह भी मेरा पिता ही था.
वह सिर्फ मेरा पिता नहीं था वह मेरे जिंदगी का आशियाना था.
वह कोई और नहीं था वह मेरा पिता था
जो रियल लाइफ हीरो था ,
वही मेरा पिता था.
