फैंटेसी ज़िंदगी की।
फैंटेसी ज़िंदगी की।
ये है मेरी फैंटेसी ज़िंदगी की,
अमन चैन शांति चारों तरफ़।
प्यार, स्नेह और विश्वास तक,
सदभाव भाईचारा चारों तरफ़।
जैसे पुराने ज़माने में लोग रहें
वैसे आज सभी मिल कर रहें।
ख़रीद लेते ख़ुशियाँ तक सारी,
अमन चैन शांति क़ीमत अगर।
माँगते वरदान स्वर्ग धरती सदा,
लड़ाई हिंसा पाप का अंत सदा।
होता अगर सत्ता का प्रधानमंत्री,
पूरे संसार को एक करके रहता।
सिर्फ़ भारत देश ही अकेला नहीं,
पूरा विश्व सोने की चिड़िया होता।