पापा से नही होती बात
पापा से नही होती बात
पापा से होती है कम बातें
हां घंटों फोन पर नहीं है बतियाते
फिक्र हमारी रखते ,फिर भी वह आज
ज्यादा खर्च करने पर प्यार भरी देते हैं डांट
कभी कष्ट में दिखे, चुपके से हाथ मे पैसे रख जाते
देकर पैसे वह मां और भाई को भी नहीं बताते
रख देते जब सिर पर हाथ
जिम्मेदारियां से घिरी फिर से बच्ची बन जाती हूं
मां को ही कह देती दिल का हर एक राज
पापा से होती है कम बात
उनका बना रहे हमेशा सर पर हाथ
ईश्वर से चाहती हूं यह सौगात
पितृत्व की बनी रहे छांव