ऑलराउंडर विमेन
ऑलराउंडर विमेन
तुम जो रोज इतनी मेहनत कर रही हो,
कड़ी धूप सी जिम्मेदारियां निभा रही हो!
आज के युग में तुम भी किसी से कम नहीं;
घर ,बच्चे ,काम कैसे संभाल रही हो !
तुम नारी नहीं नारायणी हो,
तुम को किस नाम से बुलाऊं में
काली कहूं या कालरात्रि कहूं
तुम मैं तो अपार शक्तिया है
क्यों डरती हो इस जमाने से तुम भी
किसी मर्द से कम नहीं।
घर को सजाने वाली हो
दफ्तर में अपने पिया जी से कंधे से कंधा मिलाने वाली हो,
मां-बाप को अपनी आंखों की पलकों पर बिठा ने वाली हो,
अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाने वाली हो!
जो रोज इतनी मेहनत कर रही हो
कड़ी धूप में जिम्मेदारियां निभाने वाली हो।