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RohiniNalage Pawar

Abstract

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RohiniNalage Pawar

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नया साल

नया साल

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बीते दिनों के साथ साल बीतता गया,

अपनों के साथ गुज़ारा वक्त भी बीत गया...

बीते वक्त के साथ कुछ अपने छूट गए,

मगर...

आनेवाले वक्त ने अजनबी भी अपने बना दिए

सालों साल तो इसी में ही बीततें जायेंगे,

कभी अपने पराये तो कभी पराये अपने बन जायेंगे

आनेवाला साल तो आता रहेगा,

कभी अपनों से कट्टी तो कभी परायों से बट्टी कराते जायेगा

मायूस ना होना कभी अपनी जिंदगी से,

क्योंकि...

नए साल की तरह हर बार जिंदगी नहीं खिलती हँसी से,

जो है इसे ही आखिरी कहकर जियो,

कुछ भी हो सब भुलाकर सालों साल जियो ।


 



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