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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Classics Inspirational

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Classics Inspirational

नव वर्ष

नव वर्ष

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किसलय ने मुंह खोला है 

समय का पंछी बोला है 

ग़म की रातें निकल गई

संकट की घड़ियां टल गई


आशा बलवती होने लगी

उम्मीदें सपने पिरोने लगी 

भाग्य ने छक्का लगाया है 

देख, साल 2024 आया है 


झोली भर लो सपनों से 

मेल मिलाप हो अपनों से 

खुशियों की दौलत चमके 

मस्ती वाली सेहत दमके 


आसमान हो कदम तले 

अब ना कोई भरम पले

सब चेहरों पर हो उल्लास

नव वर्ष हो सबके लिए खास। 


नव वर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां


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