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Ritika Roy

Drama

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Ritika Roy

Drama

नहीं मैं कोई शायर नहीं

नहीं मैं कोई शायर नहीं

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नहीं मैं कोई शायर नहीं,

मैं तो बस अपने तजुर्बे से कुछ यूं ही

अफसाने बुन लिया करती हूं,

कुछ लम्हों को शब्दों में बयां

करने का अपना ही मज़ा है,

मैं तो बस यूं ही लिख‌ लिया करती हूं।


नहीं मैं कोई लेखक नहीं,

मुझे तो बस अपनी कल्पनाओं को

एक मोड़ देना‌ पसंद है,

चिज़ो को मन में रख कर क्या होगा दोस्तों,

मुझे तो लिखना ज़्यादा पसंद है।


नहीं मैं कोई कवि नहीं,

मैं तो अपना मन हल्का

करने के लिए लिखती हूं,

हर ग़म को बांटने से कहा‌ सुकुन मिलता है,

तो मैं लिख कर ही खुद को

सान्त्वना दे दिया करती हूं।


नहीं मैं कोई साहित्यकार नहीं,

मुझे तो खुद को प्रोत्साहित

करना अच्छा लगता है,

कागज़ कलम से मेरा रिश्ता पुराना है,

मुझको तो लिख कर

खुद को खुश करना आता है।


मैं हूं बस एक मुसाफ़िर,

जिसको जिंदगी ने

काफी कुछ अनुभव कराया है,

अपने सफर को काफी

अल्फ़ाज़ दिया है मैंने,

क्यूंकि यूं लिख-लिख कर मुझे

अपनी जिंदगी का मकसद समझ आया हैं।


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