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Author Keshav Christopher

Tragedy

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Author Keshav Christopher

Tragedy

नाम कर

नाम कर

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कुछ नाम कर, बिना काम कर,

बिन सोचे नेताओं को

सलाम कर ।।

प्रेम से गले लगा ले,

पीठ पीछे लहूलुहान कर ।।


खुद का होश नहीं ,

सबका जीना हराम कर ।।

जिस्मों की नुमाइश करके,

इश्क का चर्चा सरे आम कर ।।


लगा कर आग रिश्तों में, 

अपना घर शमशान कर ।।

बेचकर ईमान फोकट में

मेहनत को भी हराम कर ।।


सबको वाह वाही सुनाकर

अपना सब में नाम कर ।।


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