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Ashish Tyagi

Abstract

4.9  

Ashish Tyagi

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मुस्कुराहट को रखना पड़ता है

मुस्कुराहट को रखना पड़ता है

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हँसना पड़ता है ,

अपने चेहरे पे मुस्कुराहट को रखना पड़ता है , 

जब तुम्हारे गम से दुखी हो जाये कोई,

जब उदासी तुम्हारी देख के फ़िक्र कर जाए कोई....

तो दिल उसका रखने के लिए हँसना पड़ता है....

अपने चेहरे पे मुस्कुराहट को रखना पड़ता है,


जब महसूस हो की हँसा सकते हो तुम दुनिया को,

जब महसूस हो की कुछ दर्द मिटा सकते हो दुनिया के....

तो भूल के अपने गम हँसना पड़ता है ,

अपने चेहरे पे मुस्कुराहट को रखना पड़ता है,


अपने लिए नहीं तो 

अपनों के लिए 

१०० के लिए नहीं तो 

किसी १ के लिए 

ये काम करना पड़ता है....

हाँ हँसना पड़ता है 

अपने चेहरे पे मुस्कुराहट को रखना पड़ता है



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