Ashish Tyagi
Abstract
मैं सारी शाम.... यूं बिताता हूँ
दीया जलाता हूँ और बुझाता हूँ।
ऊपर वाले का न...
दीया
मरकज और कोरोन...
तुम
मुस्कुराहट को...
प्रेम ही प्रेम हो जिस कुटुंब में, उस जैसा परिवार नहीं।। प्रेम ही प्रेम हो जिस कुटुंब में, उस जैसा परिवार नहीं।।
ऐसा तो हर तारीख १ दिन का फर्क होता है... ऐसा तो हर तारीख १ दिन का फर्क होता है...
आपाधापी के इस दलदल में, कितना अभी धंसना है। आपाधापी के इस दलदल में, कितना अभी धंसना है।
भाईयों और बहनों हो गया कमाल, नये साल में मचने वाला है धमाल। भाईयों और बहनों हो गया कमाल, नये साल में मचने वाला है धमाल।
ममता की छाँव उम्र भर कहाँ सबको नसीब है। ममता की छाँव उम्र भर कहाँ सबको नसीब है।
नया दिन नई उमंग मिल कर बढ़े संग। नया दिन नई उमंग मिल कर बढ़े संग।
लेंगी जब चिर तन अंगड़ाइयां, भागेगी जब पलकों से नींद लेंगी जब चिर तन अंगड़ाइयां, भागेगी जब पलकों से नींद
फिर क्या चीज़ है तू जो छोड़ी रिश्तों की कश्ती। फिर क्या चीज़ है तू जो छोड़ी रिश्तों की कश्ती।
कल्पनाओं के सागर से निकल... यथार्थ की जमीन पर कल्पनाओं के सागर से निकल... यथार्थ की जमीन पर
तुम्हे इश्क में मिला इतमीनान और हमे मिली "रुसवाई", गम तो नहीं है। तुम्हे इश्क में मिला इतमीनान और हमे मिली "रुसवाई", गम तो नहीं है।
नए परिवर्तन के संग चलना पुरातन को ना छोड़ना कभी। नए परिवर्तन के संग चलना पुरातन को ना छोड़ना कभी।
अब बस आ भी जा ना यार, तुझे देखे ज़माना जैसे हो गया। अब बस आ भी जा ना यार, तुझे देखे ज़माना जैसे हो गया।
जिम्मेदारियां एक ऐसा बोझ है जिम्मेदारियां एक ऐसा बोझ है
कभी, कोसी बनकर उफनती हूँ, जब जलती हूँ...तरसती हूँ कभी, कोसी बनकर उफनती हूँ, जब जलती हूँ...तरसती हूँ
मोहब्बत का भी कोई हिसाब होता है क्या। मोहब्बत का भी कोई हिसाब होता है क्या।
मेरी दर्द भरी कहानी.. ये दास्तां है...पुरानी मेरी दर्द भरी कहानी.. ये दास्तां है...पुरानी
यहीं ठहर जाये, बढ़ तुम रहे हो क्षीण कोई और हो रहा है..! यहीं ठहर जाये, बढ़ तुम रहे हो क्षीण कोई और हो रहा है..!
जिन्दगी का हर लम्हा है मज़ेदार जिन्दगी का हर लम्हा है मज़ेदार
कितनी गफलत है राहे जिंदगी में। कितनी गफलत है राहे जिंदगी में।
बात किसी पराए देश की पराई मिट्टी की नहीं है, बात किसी पराए देश की पराई मिट्टी की नहीं है,