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Afzal Hussain

Inspirational

4.9  

Afzal Hussain

Inspirational

मुहब्बत वाला

मुहब्बत वाला

2 mins
451


मुहब्बत ले लो मुहब्बत 

रस्ते का माल सस्ते में,

शिकवे मिटाए दूरी घटाए

अहम के ज़िद्दी दागों को हटाए,

साथ में अमन और भाईचारा मुफ्त है

मुहब्बत ले लो..


टोपी और टीके के स्वरूप में

नफरत के तपते गरम धूप में,

झोला मैं टांगे चला जा रहा था

नुक्कड़ गली में चिल्ला रहा था

मुहब्बत ले लो मुहब्बत ..


एक सज्जन ने मुझको आवाज़ दी

मैं खुश था किसी ने चलो सुध ली,

वो बोला रे भाई क्या बिक रहा है

मुझे तू यहां पर नया दिख रहा है,

मैं बोला ओ मौसम कितना गरम है

ले ठंडी मुहब्बत बहुत दाम कम है,

सुकून तुझको देगा रूहानी कसम से

लगेगी ये दुनिया सुहानी कसम से,

आलिंगन और मुस्कान है इसकी कीमत

दो बातें हो जाएं तो और भी है गनीमत,

वो बोला गलत तू जगह आ गया है

शायद जवानी में सठिया गया है,

यहां पर नहीं तेरा धंधा चलेगा

चला भी अगर बड़ा मंदा चलेगा,

यहां ना मुहब्बत का कोई खरीदार है

चिल्लाना यहां तेरा बेकार है,

बड़ा बनना अगर है

तो सलाह मेरी सुन ले,

फेंक मुहब्बत का झोला

 नया धंधा तू चुन ले,

यहां के ग्राहकों को जलना पसंद है

अकेले ही सबको चलना पसंद है,

जो लोगों को बांटे वो समान दे

भड़कता हुआ कोई पैगाम दे,

झूठे किस्से कहानी बदनामी वाले

हीरो उठा ला गुमनामी वाले,

विवादों का चूरन अंधभक्ति का चश्मा

धरम का खिलौना फसादों का नगमा,

साथ इनके गर गाली और अफवाह रखेगा

कसम है रेे भाई बहुत ही बिकेगा,

अगर झूठ का तेरा व्यापार होगा

अमीरों में शामिल तू यार होगा,

सियासतदारों के संग तेरी तस्वीरें होंगी

और मुट्ठी में लाखों की तकदीरें होंगी,

तेरी मर्ज़ी से शहर में सभी काज होगा

तू ही यहां का यमराज होगा,

अपने छाती को जोरों से लगा थापने वो

बात को की ख़तम और लगा हांफने वो

मैं बोला बस भाई क्या समझा रहा है

तू जो देखा वही सपने दिखला रहा है


छोटा हूं छोटा सा व्यापार है

माना अभी कम खरीदार है,

कोहरा अभी मायूसी का घना है

पर हर रात पर एक सूरज बना है,

जब केवल रंजिश का अंधेरा दिखेगा

तब लिख ले मेरा माल ही बस बिकेगा,

हाथ जोड़ा मुड़ा आगे परवाज़ की

गर्दन ऊपर उठाई और आवाज़ दी,

मुहब्बत ले लो मुहब्बत

रस्ते का माल सस्ते में,

शिकवे मिटाए दूरी घटाए

अहम के ज़िद्दी दागों को हटाए

साथ में अमन और भाईचारा मुफ्त है।।


"सात ताबूतों में दफ़न कर दो नफरतें..

आज इंसान को मुहब्बत की जरूरत है बहुत"


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