मोहब्बत नहीं मुझे
मोहब्बत नहीं मुझे
मोहब्बत नहीं मुझे
बस इस जहां से
पागल हूं मैं उसके
प्यार में जब से,.... मोहब्बत है
अनजान है वह
है एक अजनबी
देखा नहीं कभी
जाना नहीं कभी
जानता है वह सिर्फ ही मुझे ......
मोहब्बत नहीं मुझे
आंखों में बसा है
सांसो में समाया
हर धड़कन में ही
गीत उनके गाया
होठों से पिया है तुझे.... मोहब्बत
जो तुम ना होता तो
हंसी जहां ना यह होता
तेरी महफिल से यह
दिल बे रुक सा होता
होठों पर सदा गीत है गूंजे.…. मोहब्बत