मंजिल
मंजिल
बयां नही कर सकती
अपने हालातों को
मुश्किल सब को है।
लेकिन मंजिले मेरी
मजबूत हैं।
क्यों कि जीत से कम
और हार से बहोत बार
निपटी हूं ।
क्यों की रस्ते कभी मेरे
आसान नहीं है।
इतना तो खबर है
कि जहां अंधेरा है ,
वहां रोशनी भी होगी ।
