मन में मचा शोर
मन में मचा शोर
बाहर है सन्नाटा
मन में मचा शोर क्यों है ?
चौराहो पे दरोगा,
दिल में बैठा चोर क्यों है ?
धर्म का अंधापन नहीं,
इंसानियत पे जोर क्यों है ?
कल तक जिन से थे खफा,
आज उनपे गौर क्यों है ?
बाहर है सन्नाटा
मन में मचा शोर क्यों है ?
अदृश्य से इस जंतु से,
युद्ध इतना घनघोर क्यों है ?
जग विजेता नर जाती,
आज यूँ कमजोर क्यों है ?
काली हो चली रात,
दूर इतनी भोर क्यों है ?
बाहर है सन्नाटा
मन में मचा शोर क्यों है ?