मज़दूर
मज़दूर
भूँक हूंं ? या प्यास हूंं ?
दरिद्र हूंं ? या विकास हूंं ?
ख़ाली पेट की आस हूंं !
पहली ईकाइ व्यापक की
परन्तु मैं त्रास हूंं !
मैं ही ईंट इमारत की !
मैं ही व्यवस्था का वयस्क !
मैं ही आर्थिकता का अर्थ !
मैं ही ख़ाली जेब की प्यास हूंं?
तुम्हारे चलते चलते रहनें में...
हर पल साथ -साथ हूंं ....
फिर भी मैं बदहवास हूंं....
और , उदास हूंं...
देश के सम्मान में !
ज़मी से आसमान में &.
गौरव में ! शान में !
हर किसी काम में
मैं ही तो विश्वास हूंं !
