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इब्राहिम ं

Abstract

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इब्राहिम ं

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मज़दूर

मज़दूर

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भूँक हूंं ? या प्यास हूंं ?

दरिद्र हूंं ? या विकास हूंं ?

ख़ाली पेट की आस हूंं !

पहली ईकाइ व्यापक की

परन्तु मैं त्रास हूंं !


मैं ही ईंट इमारत की !

मैं ही व्यवस्था का वयस्क !

मैं ही आर्थिकता का अर्थ !

मैं ही ख़ाली जेब की प्यास हूंं?


तुम्हारे चलते चलते रहनें में...

हर पल साथ -साथ हूंं ....

फिर भी मैं बदहवास हूंं....

और , उदास हूंं...


देश के सम्मान में !

ज़मी से आसमान में &.

गौरव में ! शान में !

हर किसी काम में

मैं ही तो विश्वास हूंं !


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