महफ़िल
महफ़िल
हम तो यूँ ही गुज़र जाते मुसाफिरों के काफ़िले में
एक हवा के झोंके ने हमारा रुख मोड़ दिया।
यारों की महफिल में हमने कदम क्या रखा
जाने कब उनके दिलों ने हमसे नाता जोड़ लिया।
हम तो यारी दोस्ती की झूठ समझकर बैठे थे
महफ़िल के उस मौसम ने हमारा भ्रम तोड़ दिया।
दोस्ताना महफ़िल में अब बहुत सुकून सा रहता है
हमने विजय के पथ वाला मुसाफिरा काफिला छोड़ दिया।
