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Simran Kaur

Others

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Simran Kaur

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महफ़िल

महफ़िल

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हम तो यूँ ही गुज़र जाते मुसाफिरों के काफिले में 

एक हवा के झोंके ने हमारा रुख मोड़ दिया ।

यारों की महफ़िल में हमने कदम क्या रखा 

जाने कब उनके दिलों ने हमसे नाता जोड़ लिया।

हम तो यारी दोस्ती को झूठ समझकर बैठे थे

महफ़िल के उस मौसम ने हमारा भ्रम तोड़ दिया।

दोस्ताना महफ़िल में अब बहुत सुकून सा रहता है

हमने विजय के पथ वाला मुसाफिरा काफिला छोड़ दिया।


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