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Monalisa Guje

Abstract

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Monalisa Guje

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मेरी माँ

मेरी माँ

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सर पर ना था पिता का साया 

बस तेरी कृपा से बड़े हुए 

तेरी मेहनत से पढ़े लिखे 

पैरो पर हम खड़े हुए 


ना तुम भोली भाली हो 

ना ही सीधी साधी 

तुम हो निडर, तुम स्वावलंबी 

तुम हो तुफान - आंधी 


अटूट था साथ, थे हाथों में हाथ 

आज ना कुछ भी वैसा हे ?

फिर भी जरुरत पड़ने पर तू आती 

प्यार ये तेरा कैसा हे ?


तुमने सँवारा, पढाया - लिखाया 

माँ तुम हो बहुत अच्छी 

कोई भी शिखर पर क्यूँ ना पहुँच 

मैं रहूँगी तुम्हारी बच्ची l 


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