मेरी माँ
मेरी माँ
हुए रब ने दुनिया में भेजा,
तुमने हमें मुस्कुरा के
जीना सिखाया है।
जब भी लड़खड़ाए
कदम हमारे,
तुमने हमें गिर कर भी
संभालना सिखाया है।
खुद से तो सब करते है प्यार ,
मगर तुमने खुद के साथ
दूसरों को भी समझना सिखाया है I
हर अच्छे वक़्त में दोस्त बनकर
और हर बुरे वक़्त में ढाल बनकर,
तुम्हें हमने अपने साथ खड़ा पाया है।
करें उस रब का शुक्रिया कैसे लफ्ज़ों में,
जिसने अपनी सबसे खूबसूरत
रचना से हमारे जीवन को सजाया है।
