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shubham rudra 01

Abstract

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shubham rudra 01

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मेरा भारत

मेरा भारत

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वसुधैव कुटुंबकम की भावना ये न्यारी है.।

यह हिंद की सभ्यता और संस्कृति यहां की प्यारी है।


अव्यवस्था में भी व्यवस्था के प्रति पाल हैं यहां।

हिंदू मुस्लिम सिख के संगम का है जहां।।


जहां की धरा से भी सोना उपजता ,उस धरा के लाल हैं हम।

वेदों पुराणों का ज्ञाता अंतरिक्ष के रचनाकार हैं हम।।


ताकत तो इस देश की वीरों ने हर युद्ध में दिखाई है ।

दुश्मन कितना भी शातिर क्यों ना फिर भी धूल इन वीरों ने चटाई है।


सिंधु घाटी सभ्यता जो सबसे पुरानी है।

गीता ग्रंथ है भारत का यही इसकी कहानी है।।


विभिन्नता में एकता का व्यवहार होता है जहा।

हर रोज पर्व और त्यौहार होता है यहां।।


तीन रंग का तिरंगा चक्रजिसकी निशानी है।

स्वयं भगवान की लीला जहां रामायण कहानी है।।


जहां ईश्वर भी अपने बालपन में इस धरा से लिपटते थे।

राम, कृष्ण, गौतम जहां किलकारी भरते थे।।


यहां पर कण-कण में अमृत की मिठास होती है।

जहां की धरती भी पापों को गंगा जल से धोती है।।


जहां हर वृक्ष की पूजा धरा का मान होता है।

जहां हर काम से पहले प्रभु का नाम होता है।।


जहां में देश है भारत जो धरा को मात् कहता है।

जहा की नदियों में गंगा का निर्मल जल यह बहता है।।


रितिया परंपरा जिस देश की पहचान है।

वह प्यारा देश है मेरा नाम हिंदुस्तान है।।


बुद्धाके विचारों जीसस की प्रेयर वाहेगुरु की अरदास है यहां।

अल्लाह की इबादत लोगों का प्यार प्रभु राम का प्रसाद है जहां।।


कण-कण में ईश्वर का गुणगान होता है।

भगवान के समान अतिथि सम्मान होता है।।


जहा के मंदिरों में प्रति दिन पूजा अर्चना होती हैं।

जहा पे ज्योति शास्त्र के ज्ञान की भी गर्जना होती है।।


जहा पे दुनिया के लाखों के उपग्रह अनुमान देते है।

वहीं पंचांग सनातन के ग्रहों की स्थिति का प्रमाण देते है।


हिमालय मुकुट सा धारण होकर जिसको मान देता है।

जहां पर सागर भी, इन चरणों को प्रणाम देता है।।


जो अपनी सौर्य और गौरव से इतिहास में न्यारा है।

यही वह देश है जो हमको प्राणों से प्यारा है।।


यहां की उर्वरा से भी चंदन की प्यारी सुगंध आती है।

यहां पर नदियों की पूजा और गंगा की भी आरती है


जहा की नारी ने भी विश्व में अपना दम दिखाया है।

वहीं की बेटीओ ने खेलो में जीत का सोर मचाया है।।


वहीं इतिहास में भी इनकी वीरता की कहानी है।

जिनमें दुश्मन को धूल चटाई वह झांसी की ही रानी है।।


इसी हिंद के पुत्र थे राणा जिसने मुगलों से द्वंद किया।

की थी रछा भारत मां की अखबर का भी विध्वंस किया।।


जहां का अतीत भी आज इसके शौर्य की गाथा गाता है।

जिसका अस्तित्व भी आज विश्व में जाना जाता है।।


जहां पर बड़े-बड़े वीरों ने भी वीरगति पाई है।

जहां की माताओं ने कोख से शेरनिया जाई हैं।।


जहां पर नारी के नारीत्व का भी मान होता है

जहां पर वीरांगनाओं के शोर का भी गान होता है।


ऐसा देश है जहां गुरु जन कभी गुणगान होता है

एकलव्य जैसे शिषयो का सदा सम्मान होता है।।


यह वह देश है जहां हर दृश्य कुछ अद्भुत ही होते हैं।

यही कि मिट्टी में सरवन से कर्मठ पुत्र जानते हैं।।


जिसके अस्तित्व को स्वयं सिकंदर भी मिटा न पाया था।

विश्व को जीतने वाला भी जहां पर मात खाया था।।


जहां के आजाद और शेखर की यह दुनिया दीवानी है।

जहा पे गांधी की अहिंसा और वीरता इसकी निशानी है।।


यहां के राष्ट्र भक्तों का सदा उत्तम रहा स्थान है।

यहीं पर है समाधि इनकी यहीं पर अमर इनका नाम है।।


इस हिंद के इतिहास का कुछ अनमोल किस्सा है।

यह कविता तो केवल मात्र उसका एक हिस्सा है।


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