मेहंदी
मेहंदी
भेद भाव भूलकर क्रांति फैलाती,
अहम भावना को मोहब्बत सिखलाती।
मधुर कामनाओं की सौगात सजाती।
प्यार, इबादत एहसास, शान बताती
शादी के त्योहार मैं शगुन कहलाती,
दो आत्मा के मिलन को सिंगारती।
हर एक घाव सहकर प्यार महकाती,
जीवन के लम्हों को खूबसूरत बनाती।
अपने को बदल कर खुशियाँ लाती।
खुशहाल जीवन का ख्वाब दिखाती
एक दिल एक जान बनकर रह जाती,
मेहंदी तो बलिदान है सिखलाती।