मै "मैं" के लिए
मै "मैं" के लिए
खुद को भरना है खुद से मुझे
खुद की कमजोरियों को
खुद की ताकत से भरना है मुझे
अपने डर को अपने विश्वास से
भरना है मुझे
खुद से इतना प्यार करना है
की मुस्कान बन के छलकता रहे
खुद की रोशनी से अंदर के
अंधकार को मिटाता रहे
इतना गहरा जाना है की
अंदर के भगवान को बाहर लाना है
अपने अंदर ही डूब कर तैरना
सीखना है मुझे
अपना ही प्रिय अपना ही प्रियतम
बनना है मुझे
कर लूँ खुद से खुद की बातें इतनी
की खुद अपनी दुनिया बन जाऊँ मैं
ऐसा तारा बन के टूटूं
की खुद के लिए दुआ बन जाऊँ मैं...
