pradeep brijwasi

Inspirational

4.7  

pradeep brijwasi

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माँ

माँ

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कल, आज और कल का अहसास है माँ, 

माँ भूत, वर्तमान और भविष्य की पहचान है, 

हमारी जिंदगी के संस्कार की परिभाषा है माँ, 

    सभी चाहतों को पूरा करने वाली अभिलाषा है माँ, 

    कल्पनाओं को सच करने वाला कल्पवृक्ष है माँ, 

बच्चों की रेगिस्तानी जिंदगी का हरा-भरा आँगन है माँ, 

जीवन की प्रथम और श्रेष्ठ पाठशाला है , 

दूध, हाॅरलिक्स, बोर्न विटा जैसे पेय मधुशाला है, 

सभी पकवानों की सौंधी-सौंधी खुशबू है माँ, 

    माँ का पल्लू.... बच्चे के गंदे मुंह का रुमाल है, 

    चोट लगने पर पट्टी और मरहम सा दुलार है, 

    धूप में छतरी है तो, मच्छरों के लिए मच्छरदानी है, 

    मिट्टी में चादर है तो, समझने वाली नादानी है, 

माँ की चेहरे की हँसी मरहम..हामी.. दुआ.. आशीर्वाद है, 

माँ के चरणों में ही चारों धाम, 

माँ के सुकून से ही दुःखों का विश्राम है, 

माँ है तो घर का सारा माखन अपना है, 

जिसके माँ नहीं उसका जीवन अधूरा सा सपना है, 

माँ के लिए सभी बच्चे राधा -कृष्णा है, 

इसे हमारे स्वार्थ जलन ने ही अलग अलग बांटा है, 

माँ के प्यार में नहीं कोई बँटवारा, 

सभी भाई बहन में रहें भाईचारा ,


माँ है तो बचपन भी जन्नत है, 

माँ से ही बच्चे का प्यार है, 

इसे निःस्वार्थ प्यार करो,

इन्हीं की जिन्दगी इन्हीं पर वार दो, 

जीते जी करो माँ की कद्र ,

नहीं तो रहेगा श्राद्ध का इंतजार, 

फिर से वो बीते दिन वापस ना ला पाओगे और

फिर कभी भी अपने आप को माफ़ न कर पाओगे। 

इसलिए इसे निःस्वार्थ प्यार करो और इन्हीं की जिंदगी इन्हीं पर वार दो ।


आभार 


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