STORYMIRROR

Abhilasha Mishra

Abstract Inspirational

3  

Abhilasha Mishra

Abstract Inspirational

माँ,,,,,,,,,

माँ,,,,,,,,,

1 min
383

दुनिया में कहीं जन्नत है 

तो मेरी माँ की गोद में 

मेरी माँ का आंचल 

सुकून का आसमां है 


माँ साथ हो तो किसी

और की जरूरत नहीं होती 

तीखी-सी धूप में सुकून भरी 

छाया है मेेरी माँ 


जिन्दगी की साारी खुशियाँ 

है मेरी माँ 

मेरी दुनिया, मेरी जिन्दगी 


मेरा सब कुछ है 

मेरी माँ

बस मेरी माँ।

बस मेरी माँ.........


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract