माँ
माँ
माँ ,तेरे बिना ये जहां नहीं
तुझसे बड़ा मेरा कोई अरमान नहीं
लिख तो दूँ तेरे लिए बहुत कुछ
पर यूँ शब्दों में तेरी तारीफ कर पाना आसान नहीं।
चली जाऊँ भी अगर मैं दूर कहीं
माँ मुझे भूल न जाना
हो जाए कोई भूल मुझसे
माफ़ कर देना मेरा तुझे सताना।
माँ तू मेरा मान है
तू मेरी खुशियों की पहचान है
तू मेरी शान है
माँ तू मेरी जान है।
जो ग़म को हर खुशियों में बदल दे
माँ तू वो हालात है
जो अंधेरे में साया बन जाए
माँ तू वो ज़ज्बात है।
जिसके बिना हवाओं में मिठास नहीं
माँ तू उस सरगम का सितार है
जो अधूरा है तेरे बिना
माँ तू इस परिंदे का वो संसार है।
