माँ तेरा कर्ज़ कभी ना भुला पाऊँगी
माँ तेरा कर्ज़ कभी ना भुला पाऊँगी
माँ तुम्हारा कर्ज़ कभी ना भुला पाऊँगी
तुम्हारे आँसू तुम्हारी पीड़ा
समझ सकी ना मेरी इड़ा
कैसे खुद को समझाऊँगी
माँ तुम्हारा...
मेरा बचपन मेरा यौवन
सब पर था तेरा आरक्षण
कितना लाभ उठाऊँगी
माँ तुम्हारा...
जब पहुँच गए हम राह गलत
तुमने खींचा न हुई आहट
नतमस्तक हो जाऊँगी
माँ तुम्हारा...
है मेरा अस्तित्व तुम्हीं से
है मेरा व्यक्तित्व तुम्हीं से
तुम समुद्र हो माँ
मैं उसका छोटा द्वीप बन जाऊँगी
माँ तुम्हारा कर्ज कभी ना भुला पाऊँगी