माँ की सीख
माँ की सीख
आ मेरे लाल तुझे जीने का सलीका सिखा दूँ,
अजनबी इस जहाँ में जीने का तरीका बता दूँ ।
अभी नन्हा-नाजुक सा है तू, कल बड़ा हो जायेगा,
हमारी तरह तू भीअपने पैरों पर खड़ा हो जायेगा ।
मानना सदा ही ...........अपने बडों का कहना ,
अपने झुंड में सबसे हिल-मिल कर रहना ।
अपनी विशालता पर कभी घमंड नहीं करना,
किसी निरीह, निर्दोष कभी तंग नहीं करना ।
वक्त बदल जायेगा, हालात बदल जायेंगे,
बहुत कुछ तुझे बदलते हालात सिखायेंगे ।
माना के माँ- बाप बच्चे के प्रथम गुरु होते हैं,
पर सच ये भी है कि हालात सबसे बड़े गुरु होते हैं ।