मालिक़
मालिक़
वो एक
उसके बन्दे अनेक
सबका मालिक एक।
सबका दाता एक
क्यों भूखा है इंसान
क्यों प्यासा है इंसान
हर जगह, हर पहर ,
हर शाम ,हर सुबह
हर रात ,हर दोपहर
पूछता नहीं तू
तेरे भी पिता हैं वो
देंगे, देंगे, जवाब जो।
वो एक
उसके बन्दे अनेक
सबका मालिक एक।
सबका दाता एक
क्यों भूखा है इंसान
क्यों प्यासा है इंसान
हर जगह, हर पहर ,
हर शाम ,हर सुबह
हर रात ,हर दोपहर
पूछता नहीं तू
तेरे भी पिता हैं वो
देंगे, देंगे, जवाब जो।