लड़कियाँ आगे बढ़ रही है
लड़कियाँ आगे बढ़ रही है
घर की घर की
चारदीवारी से
बाहर निकल कर
चूल्हे चौके के कार्य को
दरकिनार कर कर
इस दुनिया का
दीदार कर रही है
हां अब लड़कियाँ
आगे बढ़ रही है।
अब जरूरत नहीं
है इनको
किसी के सहारे की
बात- बात पर अपनों के
सामने हाथ फैलाने की
वे तो अपने सपनों की
ऊंची उड़ान भर रही है
हां अब लड़कियाँ
आगे बढ़ रही हैं।
रूढ़ीवादी जालों को
साफ कर- कर
भेदभाव के पद
चिन्हों से
बेअसर होकर
आशाओं की
एक नई
लौ जला रही है
हां अब लड़कियाँ
आगे बढ़ रही है।
पुरुषों के कंधे से कंधा
मिलाकर चल रही है
पिता के बुढ़ापे की
लाठी बन रही है
जीने की एक नई
राह खोज रही है
हां अब लड़कियाँ
आगे बढ़ रही है।
बेखौफ हो सड़कों पर
निकल रही है
गाड़ी की मेन सीट पर
सिर्फ लड़कियाँ
ही दिख रही है
खोलकर पन्ने
ख्वाहिशों के
हवा से बातें कर
रही है
हां अब लड़कियाँ
आगे बढ़ रही है।