माता - मंजू शर्मा पिता- कृष्ण कुमार शर्मा जन्मतिथि- 15 फरवरी 2002 विधा- कहानी, कविता ,लेख, हाइकु, मुक्तक
अब जरूरत नहीं है इनको किसी के सहारे की बात- बात पर अपनों के सामने हाथ फैलाने की अब जरूरत नहीं है इनको किसी के सहारे की बात- बात पर अपनों के सामने ह...
चरणामृत बन कर उतरे गले से तो जीवन भवसागर तर जाता है। चरणामृत बन कर उतरे गले से तो जीवन भवसागर तर जाता है।
अपने सपने की वास्तविकता को करे साकार। अपने सपने की वास्तविकता को करे साकार।