तुलसी ईश्वर का रूप
तुलसी ईश्वर का रूप
1 min
309
तुलसी मेरे आंगन की
है ईश्वर का रूप
इसकी पावन पंखुड़िया है।
गौरा के समरूप
प्रांगण की शोभा में
चार चांद लग जाते हैं।
हरित मंजरी से न जाने
अनगिनत रोग कट जाते हैं
प्रातः बेला में दर्शन से
मन हर्षित हो जाता है।
चरणामृत बन कर उतरे गले से
तो जीवन भवसागर तर जाता है।
