प्रकृति
प्रकृति
प्रकृति का निस्वार्थ मन उसकी है पहचान
शुद्ध जल, शुद्ध हवा करती है प्रदान।
प्रकृति की गोद में समाए तत्व हजार
हर मनुष्य के जीवन में ये खुशियां भरती अपार।
प्रकृति के स्वरूप का करना है विस्तार
सहयोग से इसे बढ़ा सकें ऐसा करो विचार।
प्रकृति की छटा का बढ़ता रहे आकार
अपने सपने की वास्तविकता को करे साकार।