क्या लिखूँ..........?
क्या लिखूँ..........?
खामोशी को चिरती मेरी खामोश सांसे
जब चित्कार करती हैं तो सोचती हूँ-
क्या लिखूँ ?
मन की व्यथा लिखूँ या काल्पनिक तथ्य लिखूँ
मनोरंजन की सामग्री लिखूँ या खुशियों की वजह लिखूँ
क्या लिखूँ? क्या लिखूँ ?
समाज में होती बेटी की दुर्दशा लिखूँ या उसकी ऊँची उड़ान लिखूँ
दरिंदगी का फैला सामान लिखूँ या न्याय का बढ़ता प्रभाव लिखूँ
क्या लिखूँ? क्या लिखूँ ?
युवाओं में फैला असंतोष लिखूँ या शिक्षा का बढ़ता प्रसार लिखूँ
बुजुर्गो के एहसास लिखूँ या संस्कृति का विश्व में होता मान लिखूँ
क्या लिखूँ? क्या लिखूँ?
प्रतिभाओं का होता पलायन लिखूँ या विश्व में ऊचाँ उनका नाम लिखूँ
बढ़ती हुई महंगाई लिखूँ या योजनाओं का प्रसार लिखूँ
क्या लिखूँ? क्या लिखूँ ?
देश में फैला भ्रष्टाचार लिखूँ या बढ़ता तकनीक का विकास लिखूँ
सीमाओं पर होता नरसंहार लिखूँ शहीदों को मिलता सम्मान लिखूँ
क्या लिखूँ? क्या लिखूँ ?