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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

क्या हो गये देखते देखते

क्या हो गये देखते देखते

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वो जो आये थे नई राजनीति करने 

कीचड़ में सन गये देखते देखते ।

आम आदमी का चोला उतरने लगा 

"मुगलेआजम" बने देखते देखते ।। 

ईमानदारी में वो इतने कट्टर हैं जी 

"चक्की" पीसने लगे देखते देखते । 

जेल से ही चलायेंगे वो सरकार को 

"रेफरेंडम" कर रहे देखते देखते ।। 

जांच करने की बातें जो करते कभी 

वो जांच से भाग रहे देखते देखते । 

अपने गुर्गों के कंधों पे रख के बंदूक 

गोलियां दाग रहे देखते देखते ।। 

वो जो आये थे "नायक" बनकर यहां 

खुद "विलेन" हो गये देखते देखते । 

अपने वादों से पल पल पलटते रहे 

"गिरगिट लाल" हो गये देखते देखते ।। 


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