क्या है ये प्यार?
क्या है ये प्यार?
प्यार....
एक एहसास
एक दर्द
एक सुकून या एक जुनूं?
क्या है ये, प्यार ?
शारीरिक सम्बन्ध या गुलाबी सी एक ठण्ड,
माँ की ममता या पिता की वो चिंता,
दोस्तों का मज़ाक या अध्यापकों की वो डांट,
आखिर क्या है जिसे पाने के लिए सब तरसते हैं,
जिसके लिए कई कोशिशें, कई मिन्नतें करते हैं,
जिसके मिलने पर बेवजह म्हस्कुरातें हैं और न मिलने पर मौत से कतराना भूल जाते हैं,
आख़िर क्या है ये, प्यार?
कभी कभी एक अजीब सा सवाल दिमाग में आता है,
कि क्या चीज़ों को भी हमसे या एक दूजे से प्यार हो जाता है ?
वो सितार जिसे रोज़ सुबह उसका मालिक बजाता है,
बड़ी सावधानी से उसे उठाता है,
क्या हो सकता है कि वो सितार भी अपने मालिक के लिए अकेले में कोई धुन गुनगुनाता है?
ये कलम जो हर व्यक्ति के पास मिलती है,
शब्दों को पन्नों पर उतारती है,
कई कहानियां, कवितायेँ, शायरी आदि रचती है,
हो सकता है वो भी किसी शायर की शायरी से प्रेम करती है।
ये जो बादल सूरज को ढकते हैं,
बारिश की बूंदों को खुद में समाकर रखते हैं,
क्या सोचा है तुमने कभी,
की हो सकता है कि दो प्रेमियों को मिलाने के लिए,
ये बादल इन बूंदों को विदा करते हैं?
वो चूड़ियाँ जो कई रंगों में बिकती हैं,
वो चूड़ियाँ जो हाथों में खनकती है,
जिनकी खनक कानों में रस घोल जाती है,
हाथों पर उसकी एक झलक, चेहरे पर मुस्कराहट लाती है,
कहीं ये चूड़ियाँ भी तो हाथों से मोहोबत करना तो नहीं जानती हैं?
कोई इसे प्यार पुकारता है तो कोई इश्क,
कोई मोहोबत, तो कोई प्रेम,
क्या ये सिर्फ तुम्हारा और मेरा है?
क्या यही ही वो जो अँधेरी रात के बाद सवेरा है?
क्या ये सिर्फ एक बार होता है या बार बार होता है?
क्या इसमें ज़रूरी है कि कोई पाता है और कोई न कोई खोता है?
क्या है ये प्यार, इश्क, प्रेम, मोहोबत?