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shivam gupta

Abstract

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shivam gupta

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कविता

कविता

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कलम की ताकत को 

सारी दुनिया मानती है 

जब यह कागज़ पर चलती है तो 

क्रांति का शंखनाद कर देती है 


युवाओं में जोशीली देशभक्ति 

का संचार कर देती है 

कलम ने बड़े बड़े 

तख्तोताज हिला दिए 

कलम बम से भी ज्यादा 

विस्फोट करती है


सैकड़ों वर्ष पूर्व कलम से लिखे खत 

आज संग्रहालय की शोभा है

ये कलम ही है 

जिसने कागज की शोभा बढ़ाई है 

वरना कोरे कागज को 

कौन सम्हाल कर रखता है 


विरह की अग्नि में जल रहे 

प्रेमी प्रेमिका खत को 

सीने से लगाकर अपनी 

प्रेम अगन को शांत करते है 


अगर कलम नहीं होती 

तो दुनिया को ज्ञान कैसे मिलता 

रामायण ,महाभारत ,कुरान, 

बाइबिल गुरुग्रन्थ साहिब के 


अनुयाइयों को अपने धर्म ज्ञान 

कहाँ से मिलता।

सचमुच कलम की महिमा न्यारी है

इसीलिए यह युगों युगों से प्यारी है।


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