कविता _चामर छंद
कविता _चामर छंद
वीर भूमि हे नमो नमामि करें आरती ।
ऊँच नीच भेद भाव छोड़ दो पुकारती ॥
आन वान शान से उठो गुनो सुभारती।
देश भक्ति पूर्ण प्रेम भाव हों गुँजारती ॥
झूमता दिशा दिशा अजेय गर्व से भरा ।
श्वेत रंग पावनी मिलाप केसरी हरा ॥
राष्ट्र गान गूँजता गली गली दिव्य सा ।
ओज है दिखा तिरंग रंग वीर धीर सा ॥