कुछ सवाल
कुछ सवाल
आज कुछ शब्द मेरी कलम में आए है
जो मेरे दिलो दिमाग में कुछ यूँ छाए है
कुछ लोग जला देते हैं हर बात पर पुतला
क्या वे किसी ग़रीब से दो वक्त की रोटी पूछ कर आए है।
आज कुछ शब्द...
ज़रा-ज़रा सी बात पर हजार रुपया ये खर्च कर ये आए है
अपनी नादान सी हरकत पर खूब इठलाए है
आज भूखा ही सो गया एक परिवार ग़रीब का,
क्या चन्द अन्न के दाने उसे दे आए है।
आज कुछ शब्द...
फूल माला लिए सड़को पर हर दिन नजर ये आए है
जय-जय बोल और हाथ मिलाकर खूब खिल खिलाए है
शहीद हुआ है लाल सरहद पर जिस माँ का,
उस माँ के आँसू क्या हथेली में समेट लाए है।
आज कुछ शब्द मेरी कलम में आए है
जो मेरे दिलो-दिमाग में कुछ यूँ छाए है