कुछ कमी है
कुछ कमी है
मैं खुश हूँ, क्योंकि आज मेरे पास है धन
जीवन की सबसे अनमोल वस्तु
जिसे पाने के लिए इंसान उम्र भर मेहनत करता है
अपना चैन खोकर मृगतृष्णा में रमा रहता है
इसे पाकर इंसान ख़ुद को भूल जाता है
अपनों से दूर सिर्फ़ ख़ुद में रमा रहता है
पर क्या जीवन सिर्फ़ ये धन है
जो अनमोल होकर भी सबको दूर करता है
माना कि इसके बिना जीवन नहीं
पर ये होने पर जीवन का कोई मोल नहीं
रहो अब इससे दूर, बहुत दूर
क्योंकि इसके होने पर जीवन में कुछ कमी है।