कोरा कागज ये दिल मेरा
कोरा कागज ये दिल मेरा
लिख दी मैने गजल,
इस कोरे से पन्ने पे,
लिख दी मैने शायरी
इन कोरे कागज पे,
जो आया दिल में , वह
उतर गया इस कोरे से पन्ने पे !
कोरे कागज के जैसा,
दिल था कोरा मेरा
तूने लिख दी गजल !
किसी शायर ने खूब कहा,
मरते हैं हम तेरी मुहब्बत में
ना जाने तुझे ही क्यूँ समझ न आया !
जाने दो ये बात
दिल की थी
तुम क्या जानो !
पर इस कोरे कागज का ,
मैं क्या करूं !
तुम पर शायरी लिखूं क्या ?
पर तुम तो बड़े ही ,
शायर निकले !
लिखना था !
बेहद तुम्हरे लिये,
क्यूँ मेरा दिल लिखने,
में मेरा साथ नहीं दे रहा !
ना हूई पूरी मेरी गजल,
ना हुइ शायरी मेरी पूरी !
कोरा कागज का पन्ना,
कोरा ही रह गया !
