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Pratibha Lokhande

Abstract

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Pratibha Lokhande

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कोरा कागज ये दिल मेरा

कोरा कागज ये दिल मेरा

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लिख दी मैने गजल,

इस कोरे से पन्ने पे, 

लिख दी मैने शायरी

इन कोरे कागज पे,

जो आया दिल में , वह

उतर गया इस कोरे से पन्ने पे !

कोरे कागज के जैसा, 

दिल था कोरा मेरा

तूने लिख दी गजल !

किसी शायर ने खूब कहा,

मरते हैं हम तेरी मुहब्बत में

ना जाने तुझे ही क्यूँ समझ न आया !

जाने दो ये बात

दिल की थी  

तुम क्या जानो !

पर इस कोरे कागज का ,

मैं क्या करूं !

तुम पर शायरी लिखूं क्या ?

पर तुम तो बड़े ही ,

शायर निकले !

लिखना था !  

बेहद तुम्हरे लिये,

क्यूँ मेरा दिल लिखने,

में मेरा साथ नहीं दे रहा !

ना हूई पूरी मेरी गजल,

ना हुइ शायरी मेरी पूरी !

कोरा कागज का पन्ना,

कोरा ही रह गया !

     



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